सरकारी जमीन पर कब्जे के 27 मामलों में स्टे निरस्त
मैनपुरी, सरकारी जमीन पर कब्जा और निर्माण करने के 27 मामलों में चल रहे स्टे निरस्त कर दिए गए हैं। स्टे निरस्त होने के बाद संबंधित जमीन को भू अभिलेखों में ग्रामसभा के नाम दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है। संबंधित मुकदमों में अंतिम निर्णय होते ही जमीन को ग्रामसभा के नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
देहात क्षेत्र में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद लोग जमीन के स्वामित्व को लेकर दीवानी न्यायालय में वाद दायर कर देते हैं। दायर किए गए वाद में अपने अभिलेखों के आधार पर अदालत से स्टे करा लेते हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा करके कई लोग उस पर खेती करना शुरू कर देते हैं। कब्जा करने वाले लोग सरकारी जमीन पर जहां खेती करके लाभ अर्जित करते हैं वहीं सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।
शासन के निर्देश के बाद सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामले में चल रहे स्टे निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। डीजीसी सिविल ने ऐसे मामलों में चल रहे स्टे निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दीवानी न्यायालय में चल रहे स्टे के मामलों में डीजीसी ने पहल करके 27 मामलों में चल रहे स्टे निरस्त करा दिए हैं। 12 मामलों में स्टे निरस्त कराने की प्रक्रिया चल रही है। स्टे निरस्त होने के बाद संबंधित जमीन को ग्रामसभा के नाम भू अभिलेखों में दर्ज किया जाएगा।
सरकारी जमीन पर कब्जा और निर्माण नहीं किया जा सकता है। अगर कोई किसी तरह से स्थगन ले लेता है तो निरस्त कराकर ग्रामसभा के नाम जमीन दर्ज कराई जाएगी।
अजीत चौहान, डीजीसी सिविल