भोपाल: भोपाल में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर खराब होने पर ग्राहक ने सर्विस कराई। इसके बाद भी स्कूटर बार-बार खराब होती रही। इसको लेकर ग्राहक ने मध्य प्रदेश उपभोक्ता आयोग में केस लगाया। आयोग ने इस केस की सुनवाई करते हुए ओला कंपनी को स्कूटर की पूरी राशि 9 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया है।

दरअसल, भोपाल के गोविंदपुरा इलाके के रहने वाले आकाश साहू ने 18 जून 2023 को ओला इलेक्ट्रिक स्टोर रायसेन रोड से ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर एस-1 प्रो खरीदा था, जिसकी कीमत 1,78,100 रुपए थी। इस स्कूटर में 4 किलो वाट की बैटरी लगी थी। यह स्कूटर बिना चाबी के मोबाइल के ऐप से स्टार्ट होती और ऐप से ही लॉक-अनलॉक होती थी। कंपनी ने 3 साल की गारंटी और वारंटी भी दी थी।

पंचर ठीक करने के मांगते थे रुपए

आकाश ने बताया कि जब से ओला स्कूटर को खरीदा था, उसी दिन से इसमें कोई न कोई समस्या होती रहती थी। आकाश ने कई बार कंपनी में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई और खुद स्कूटर लेकर सर्विस स्टेशन पर ठीक कराने जाते थे। वहां पर कुछ समय बाद गाड़ी को ठीक करके वापस कर दिया जाता था। आकाश का कहना था कि स्कूटर का टायर भी खराब था, जिससे गाड़ी बार-बार पंचर होती थी। कंपनी से पंचर ठीक करने वाला आता था पंचर ठीक करने के बाद जबरन 100 रुपए मांगता था।

6 घंटे के इंतजार के बाद उठाई स्कूटर

आकाश ने बताया कि स्कूटर की स्क्रीन भी हैंग हो जाती थी। लॉक-अनलॉक भी नहीं होती थी। बार- बार ये सब दिक्कत आती थी। स्कूटर को बार बार रिबूट या रीसेट करना पड़ता था। और तो और एजेंसी जो काम गाड़ी में करती थी उसका कोई कागज भी नहीं देती थी। आकाश ने बताया कि जब वह मार्केट गए तो स्कूटर पूरी तरह से रास्ते में ही बंद हो गई। उन्होंने कम से कम 50 बार कंपनी को कॉल किया, तब जाकर 6 घंटे बाद गाड़ी को पिकअप करवाया गया। इन सबसे तंग आकर उन्होंने पेट्रोल गाड़ी खरीद ली।

ओला कंपनी ने कोर्ट में पेश की दलील

आकाश ने अपने केस में कहा कि ओला कंपनी ने उन्हें खराब गाड़ी बेच दी। उन्होंने आयोग के माध्यम से अपनी गाड़ी की पूरी राशि ब्याज सहित मांगी है। ओला कंपनी के वकील ने यह दलील दी कि कंपनी ने सेवा में कोई कमी नहीं की है। कंपनी ने आयोग से यह भी कहा कि जब-जब आवश्यकता होती थी, स्कूटर में सुधार किया जाता था। गाड़ी में कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिससे गाड़ी को पूरी तरह से बदला जाए।

स्कूटर की जांच के लिए नियुक्त किया कमिश्नर

आयोग ने आकाश की शिकायत की पुष्टि करने के लिए एडवोकेट प्रणय सक्सेना को कमिश्नर नियुक्त किया। कमिश्नर ने जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि कंपनी के टेक्नीशियन ने कंपनी के वकील के सामने स्कूटर को चालू करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। मैन्युअली भी स्कूटर चालू नहीं हुई। कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि स्कूटर में दिक्कत है और कंपनी ने सेवा में कमी भी की है।

कमिश्नर की रिपोर्ट पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर आयोग अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पाण्डेय ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें आयोग ने कंपनी को 2 महीने के अंदर आकाश साहू को स्कूटर की पूरी कीमत 1,78,100 रुपए 18 जुलाई 2023 से 9 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया।

ओला कंपनी पर लगाया इतना जुर्माना

कोर्ट ने कंपनी को सेवा में कमी और परिवादी के मानसिक कष्ट के लिए 5 हजार रुपए देने का आदेश दिया है। वहीं परिवाद व्यय के लिए 3 हजार एक्स्ट्रा देने का आदेश दिया है। आयोग ने कहा है कि कंपनी यदि 2 महीने में राशि नहीं वापस करती है तो उस पर हर महीने 9 प्रतिशत का ब्याज का जुर्माना लगाया जाएगा। आयोग ने आकाश साहू को भी यह आदेश दिया है कि वह खराब स्कूटर को कंपनी में जमा कराकर रसीद प्राप्त करें।